आंतरिक अभियोजन कमेटी (ICC) महिला

डीएसटी की महिला कर्मियों के यौन उत्पीड़न के अभियोग पर विचार करने के लिए ICC-SHW का गठन

डीएसटी की महिला कर्मियों के यौन उत्पीड़न के अभियोग पर विचार करने के लिए ICC-SHW का गठन

नेशनल कमीशन फाॅर वीमेन के निर्देशों और कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के विषय पर विशाखा तथा अन्य वर्सेस राजस्थान राज्य एवं अन्य के मुकदमे पर 13 अगस्त 1997 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन में जारी दिशानिर्देशों के अनुपालन में, इस विभाग ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में कार्यरत महिलाओं के यौन उत्पीड़न के अभियोगों पर विचार करने के लिए यथोचित अभियोजन कमेटी बनायी है। मौजूदा अध्यक्ष/सदस्यों के स्थानांतरण के बाद अभियोजन कमेटी के संघटन को संवीक्षित किया गया। महिला कर्मियों के यौन उत्पीड़न के अभियोगों पर विचार करने के लिए 12 जुलाई 2017 को विभाग में कमेटी अब पुनःपिर्मित की गई है। आईसीस के अधिनियम एवं नियमों, भूमिका, क्रियाओं आदि के संदर्भ में विस्तृत विवरण नीचे दिया गया हैः

क्रम संख्या शीर्षक विवरण
1. कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेधाज्ञा और हर्जाना) अधिनियम एवं नियम 2013 डाउनलोड [PDF]4.28 MB
2. कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर हैंडबुक डाउनलोड [PDF]3.23 MB
3. आंतरिक अभियोजन कमेटी का संघटन. संपर्क विवरण सहित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग डाउनलोड [PDF]28.72 KB
4. यौन उत्पीड़न पर आंतरिक अभियोजन कमेटी की मीटिंग का कार्यवृत्त डाउनलोड [PDF]75.23 KB
5. ‘‘यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रानिक बाॅक्स (She-box)** शीर्षकित आॅनलाइन अभियोग प्रबंधन तंत्र के संदर्भ में दिनांक 1 नवंबर 2017 का DoP&T O.M. डाउनलोड [PDF]169.6 KB

अभियोजन प्रक्रिया:

महिलाओं के विरुद्ध यौन उत्पीड़न के संदर्भ में शिकायत या तो कागज पर या iccsh-dst[at]gov[dot]in को ई-मेल भेज कर की जा सकती है। अधिनियम अपेक्षा करता है कि पीड़ित महिला कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की लिखित शिकायत, घटना की तारीख से तीन महीनों की अवधि में और घटनाओं के लगातार क्रम में अंतिम घटना की तारीख से तीन महीनों की अवधि में आईसीसी या एलसीसी (शिकायत नियोक्ता के विरुद्ध होने की स्थिति में) से कर सकती है। कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेधाज्ञा और  हर्जाना) नियम 2013 के अनुसार, यदि पीड़ित महिला अपनी शारीरिक अक्षमता के कारण शिकायत करने में अक्षम है, पीड़ित महिला की लिखित अनुमति के साथ, शिकायत उसके संबंधी या मित्र या उसके सहकर्मी या नेशनल कमीशन फाॅर वीमेन या स्टेट्स वीमेन्स कमीशन के किसी अधिकारी या घटना की जानकारी रखने वाले किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अन्य वस्तुषु फाइल की जा सकती है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित अभियोगों को रजिस्टर करने के लिए 24 जुलाई 2017 से यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रानिक बाॅक्स (She-box) के नाम से आॅनलाइन अभियोग प्रबंधन तंत्र आरंभ किया है। She-box केंद्रीय सरकार के किसी आॅफिस (केंद्रीय मंत्रालय, विभाग, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, स्वायत्तशासी संगठन और संस्थान आदि) में काम करने वाली या जाने वाली महिलाओं को एक ऐसा प्लेटफार्म प्रदान करने की पहल है जिसमें कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेधाज्ञा और  हर्जाना) नियम 2013 के तहत कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

एक बार She-Box में शिकायत दर्ज होने के बाद, इसे सीधे शिकायत की जांच के अधिकार वाले संबंधित मंत्रालय/विभाग/पीएसयू/ स्वायत्तशासी संगठन आदि आंतरिक अभियोजन कमेटी (ICC) को भेज दिया जाएगा। She-Box अभियोजक और नोडल प्रशासनिक अधिकारी दोनों को ICCs द्वारा की जा रही जांच की प्रगति को माॅनीटर करने के अवसर भी प्रदान करता है।

यहां क्लिक करें - SHe-Box – आॅनलाइन अभियोजन प्रबंधन तंत्र

 

आंतरिक अभियोजन कमेटी का संघटन - महिला (डीएसटी की ICC-SHW)

क्रम संख्या
नाम   फोन नंबर
1. डाॅ निशा मेंहदीरत्ता, वैज्ञानिक ‘G’ डीएसटी अध्यक्ष 011-26590497
2. डाॅ अनिता गुप्ता, वैज्ञानिक ‘G’, डीएसटी सदस्य 011-26590213
3. श्री पी. के. श्रीवास्तव, उपसचिव,  डीएसटी 011-26590429
4. डाॅ रंजना कुमारी, निदेशक, सेंटर फाॅर सोशल रिसर्च, नई दिल्ली सदस्य 011-26899998
5. श्री एच. के. भट्ट, अवर सचिव (प्रशा. IA) डीएसटी सदस्य सचिव 011-26590501