भारत सरकार के विभिन्न पक्षों और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ वैज्ञानिक एवं तकनीकी उपयुक्तता सहित बड़ी मात्रा में और विभिन्न प्रकार के डाटा, जनित एवं संकलित किए जाते हैं। वैज्ञानिक संगठन डाटा जनन करते हैं और विशाल जन निधि का इस्तेमाल कर वैज्ञानिक डाटाबेस बनाते हैं। चूंकि यह डाटा जनन किसी मानकीकृत फार्मेट में नहीं होता, वैज्ञानिक एवं तकनीकी दोनों डाटा का अंतर-संचालन गंभीर चुनौती खड़ी करता है। वैश्विक अनुभव ने प्रभावकारी तरीके से दिखाया है कि डाटा एक्सेस से वैज्ञानिक जानकारी के साथ साथ आर्थिक एवं जन कल्याण में, सिविल सोसाइटी के अनेक लाभों के सहित महत्वपूर्ण खोज हुयी। डाटा एकत्रण और समाज के लाभ के लिए अप्रयुक्त संभावनों में जन निधि के निवेश के वस्तुगत स्तर के परिनियोजन को देखते हुए, उचित और पंजीकृत उपयोग के लिए अ-संवेदी डाटा उपलब्ध कराना आवश्यक हो गया है।
गर्वेनेंस रिफार्म में नागरिकों को लगाने पर सरकार द्वारा दिए जा रहे जोर को ध्यान में रखते हुए, जन अधिकारी के नियंत्रण में सूचना के एक्सेस को सुरक्षित करने के लिए नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए जिससे प्रत्येक जन अधिकारी के काम में पारदर्शिता एवं दायित्व आए, अ-सामरिक डाटा का जन डोमेन में रखने और आरटीआई एक्ट 2005 के प्रावधानों पर डाटा सहभाजन और सुलभता नीति पर राष्ट्रीय नीति (NPDSA) लायी गयी। राष्ट्रीय नीति अ-संवेदी डाटा की पंजीकृत उपभोक्ताओं के बीच भागीदारी और वैज्ञानिक, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के उद्देश्यों के लिए उनकी उपलब्धता को सरल बनाएगी। विस्तृत नीति दस्तावेज छह महीनों में तैयार हो जाएगा। सभी डाटा धारक संगठन अपने डाटा को पूनर्वर्गीकृत करेंगे और आरटीआई एक्ट 2005 में दिए गए दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, संवेदनशील डाटा की एक निषेधात्मक सूची बनाएंगे। यह देखने के लिए कि डाटा प्रतिबंधित वर्ग में हैं या नहीं, इस सूची की आवधिक रूप से संवीक्षा की जाएगी। निश्चित समय में एनालाॅग डाटा को डिजीटल डोमेन में बदलने के प्रयास भी किए जाएंगे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST)] नीति के कुल समन्वयन, नियमन, कार्यान्वयन और मानीटरिंग के लिए नोडल विभाग होगा। भूस्थैतिक डाटा के लिए, किसी विरोध के समाधान के लिए अंतरिक्ष विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग दोनों सहित मौजूदा नेशनल स्पेशियल डाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रियाविधि का प्रयोग किया जाएगा। भारत सरकार के मंत्रालय/विभाग जब राज्य सरकारों एवं केंद्रीय/राज्यों के विश्वविद्यालयों सहित अन्य संस्थानों को निधि रिलीज करते हैं, एक प्रतिबंध रखते हैं, इस निधि का उपयोग कर जो डाटा जनन किया जाएगा, वह इस नीति के दायरे में आएगा।
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