संज्ञानात्मक विज्ञान अनुसंधान पहल (सीएसआरआई)

संज्ञानात्मक विज्ञान मानव मस्तिष्क का अध्ययन है। ज्ञान को मस्तिष्क कैसे प्रकट करता है और किस प्रकार जोड़-तोड़ करता है, मानसिक प्रकटीकरण और प्रक्रियाएँ मस्तिष्क में किस प्रकार होती हैं – यह विज्ञान इन तथ्यों पर केन्द्रित होता है। इस विज्ञान में विभिन्न पृथक विषयों के विचारों, सिद्धांतों और पद्धतियों का उपयोग किया जाता है जैसे, मनोविज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, भाषा विज्ञान, दर्शनशास्त्र, तंत्रिका विज्ञान आदि। भारत विभिन्नताओं का देश है। भारतीय मस्तिष्क को समझने के लिए यह आवश्यक है कि संज्ञानात्मक विज्ञान में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भारतीय मस्तिष्क , भाषाओं और संज्ञानात्मक विकारों की समझ को बेहतर बनाया जाए। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत 2008 में एक विशिष्ट कार्यक्रम की शुरूआत की। इस कार्यक्रम का नाम था – संज्ञानात्मक विज्ञान अनुसंधान पहल (सी एस आर आई)। यह कार्यक्रम वैज्ञानिक समुदाय को एक मंच उपलब्ध कराता है जहाँ वे संज्ञानात्मक विकारों व सामाजिक मुद्दों से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर समाधान प्रस्तुत कर सकें। इन समाधानों में मनोवैज्ञानिक उपाय, प्रारंभिक पहचान, बेहतर उपचार, प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग तथा पुनर्वास कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं।

 

उद्देश्य :

संज्ञानात्मक विज्ञान अनुसंधान पहल का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों के अनुसंधान में क्रांतिकारी बदलाव लाना है, जैसे-

  • शारीरिक, सामाजिक और न्यूरो-केमिकल मूल की प्रकृति और मानसिक विकारों की उत्पत्ति।
  • बेहतर शिक्षण उपकरण और शैक्षिक प्रतिमानों का डिजाइन।
  • बेहतर सॉफ्टवेयर तकनीकों और कृत्रिम बुद्धिमता वाले उपकरणों का डिजाइन तैयार करना।
  • सामाजिक नीति निर्माण और विश्लेषण को सुव्यवस्थित करना।

विशिष्ट क्षेत्र :संज्ञानात्मक विज्ञान का विषय क्षेत्र बहुत विस्तृत है और इसमें संज्ञान के विभिन्न आयाम शामिल हैं। डीएसटी ने संज्ञानात्मक विज्ञान के विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की है। ये हैं – संज्ञान का आधार, भाषा और संज्ञान, कम्प्यूटर आधारित बुद्धिमता, संज्ञानात्मक मनोविज्ञान, संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान आदि।

गतिविधियाँ जिन्हें सी एस आर आई के अन्तर्गत सहयोग प्रदान किया जाता है:

  1. व्यक्तिगत आर एंड डी परियोजनाएँ – पहचान किये गए विशिष्ट क्षेत्रों में आर एंड डी परियोजनाओँ के लिए अनुदान उपलब्ध है।
  2. बहुआयामी बड़ी परियोजनाएं – सामाजिक प्रासंगिकता, तंत्रिका विज्ञान से संबंधित विकारों की बेहतर समझ और निदान के संदर्भ में बेहतर समाधान के लिए बहुआयामी बड़ी परियोजनाओं को प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
  3. डॉक्टरेट की डिग्री के बाद के लिए फेलोशिप- यह कार्यक्रम संज्ञानात्मक विज्ञान में मानव संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह योजना युवा वैज्ञानिकों (40 वर्ष से कम) को संज्ञानात्मक विज्ञान में नवाचार अनुसंधान का अवसर प्रदान करती है।
  4. स्कूल, प्रशिक्षण, कार्यशाला, सम्मेलन आदि के लिए सहयोग – सीएसआरआई सम्मेलनों, सेमीनारों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, स्कूलों आदि को आयोजन के लिए आंशिक सहायता प्रदान करता है। शैक्षिक, शोध संस्थान, विश्वविद्यालय तथा अन्य व्यावसायिक निकायों को अनुदान प्रदान किया जाता है ताकि वे युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित कर सकें तथा संज्ञानात्मक विज्ञान की नवीनतम जानकारियों से वैज्ञानिक समुदाय को अवगत करा सकें।

कार्यक्रम सूची: विभाग, व्यक्तिगत परियोजना प्रस्तावों तथा डॉक्टरेट के बाद के फेलोशिप के लिए वर्ष में एक बार सभी प्रमुख अखबारों तथा डीएसटी की वेबसाइट पर विज्ञापन देता है। विशिष्ट क्षेत्र में अनुसंधान के लिए बड़ी परियोजनाओं की स्वीकृति, डीएसटी तथा अन्य हितधारकों से परिचर्चा के बाद दी जाती है। सम्मेलन आयोजित करने के लिए पूरे वर्ष प्रस्ताव जमा किये जा सकते हैं और अनुरोध के आधार पर इन प्रस्तावों पर विचार किया जाता है।

संज्ञानात्मक विज्ञान अनुसंधान पहल के अन्तर्गत प्रस्तावों का आमंत्रण [PDF]376.41 KB
व्यक्तिगत प्रारूप [PDF]108.95 KB
डॉक्टरेट के बाद फेलोशिप - आवेदन प्रारूप (अंतिम तिथि – 31 मई, 2016) अनुसंधान नवाचार और प्रौद्योगिकी को प्रभावित करना (आई एम पी आर आई एन टी)[PDF]96.93 KB