मूल अनुसंधान के क्षेत्र में भारत शीर्षस्थ देशों में से एक है। भारत में विज्ञान को, विशेष रूप से उभरते परिदृश्य और प्रतिस्पर्धात्मक अर्थ व्यवस्था में वृद्धि और विकास का सबसे सशक्त साधन समझा जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी तंत्र से की गई वर्तमान विकासों और नवीन मांगों की जागृति में, हमारे लिए राष्ट्रीय आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त कुछ प्रमुख विज्ञान परियोजनाओं को और जो कल की प्रौद्योगिकी के लिए भी उपयुक्त हों, आरंभ करना आवश्यक हो जाता है। देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक ओर आम आदमी की उपयुक्त क्षमताओं और प्रौद्यागिकीय विकास के जरिए प्रौद्योगिकीय आवश्यकताओं को पूरा करने और दूसरी ओर उच्च प्रयोजित मूल अनुसंधान और लाभदायक प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए विभाग की वृहत क्रमबद्ध गतिविधियां हैं।