कार्बन नैनोट्यूब के लेप बाते सूती धागे, पहनने योग्य उपकरणों को ऊर्ज प्रदान करेंगे

 

कार्बन नैनोट्यूब के लेप वाले सूती धागे पहनने योग्य उपकरणों को ऊर्जा प्रदान करेंगे। आने वाले समय में ऐसे परिधानों का चलन बढ़ेगा जिसमें उपकरण लगे हों। इन उपकरणों में स्वास्थ्य देखभाल निगरानी, प्वाइंट-ऑफ-केयर जांच, सैन्य सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा जैसे एप होंगे। इन उपकरणों में सबसे बड़ी बाधा है – उपकरणों को चार्ज करने के लिए उपयुक्त प्रणाली का अभाव।

आईआईटी, बंबई के रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सी.सुब्रमण्यम नैनो तकनीक से निर्मित ऊर्जा भंडार उपकरणों पर अनुसंधान कर रहे हैं। ऊर्जा भंडार उपकरण, पहनने योग्य उपकरणों के इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी के केन्द्र में है। यह उपकरण बुनाई के योग्य है, लचीला है और परिधानों के दैनिक उपयोग में होने वाले यांत्रिक आघातों और दबावों को सहन कर सकता है।

ली-आयन बैटरी जैसे पारंपरिक ऊर्जा भंडार उपकरण लचीले नहीं है, इसलिए ऐसे अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। पहनने योग्य उपकरणों की कठोर संरचना, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तथा परिधान व त्वचा के साथ असंगत होने के कारण ये उपकरण उपयोगकर्ता के लिए सुविधाजनक नहीं होते हैं। इसके अलावा ली-आयन बैटरी को चार्ज करना, बैटरी का डिस्चार्ज हो जाना आदि पहनने योग्य उपकरणों व अनुप्रयोगों से जुड़ी गंभीर समस्याएं हैं।

वर्षों के अध्ययन व अनुसंधान के बाद डॉ. सुब्रमण्यम ने पहनने योग्य उपकरणों के ऊर्जा भंडार के लिए एक वैकल्पिक रणनीति को सामने रखा। उनकी टीम ने कार्बन नैनोट्यूब से लेपिन सूती धागे (सीएनटी-वायर्स) को विकसित किया है। यह विद्युत रोधी धागे को दातु-सुचालक के रूप में बदल देता है। इससे यह लचीले और कोमल इलेक्ट्रोड के रूप में कार्य करने लगता है। जंक्शन बनाने के लिए इलेक्ट्रोड (सीएनटी-वायर) को इलेक्ट्रोलाइट से जोड़ दिया गया। इसके लिए इलेक्ट्रोलाइट पर सीएनटी वायर की सरल व सुरूचिपूर्ण तरीके से बुनाई की गई। ये जंक्शन सुपरकैपिसेटिव है और विद्युत ऊर्जा का भंडारण कर सकते हैं। चूँकि सिलाई के माध्यम से सुपर कैपिसेटर बनाए जाते हैं इसलिए इन्हें “स्यूकैप” का नाम दिया गया है।

इस प्रक्रिया का लाभ यह है कि एक छोटी सी जगह में हजारों स्यूकैप बनाए जा सकते हैं और प्रणाली में संपूर्ण ऊर्जा की मात्रा को बढ़ाने के लिए एकीकृत किये जा सकते हैं। आपस में जुड़े सभी जंक्शन ऊर्जा की बड़ी मात्रा का भंडारण कर सकते हैं। तापमान, आर्द्रता, पसीना जैसे वायुमंडलीय प्रभावों से सुरक्षा के लिए स्यूकैप उपकरण को पौलीमर शीट का आवरण दिया जाता है। वस्त्र उद्योग की वर्तमान प्रक्रियाओं के द्वारा स्यूकैप उपकरण को आसानी से जोड़ा जा सकता है। यह उपकरण हल्का और छोटा है। यह पहला ऐसा उपकरण है जो गर्म पानी, डिटरजेंट, उच्च वृत्तीय बल, कपड़े धोने की कठोर स्थितियों में भी स्थिर रहता है।

वस्त्र और परिधानों में इलेक्ट्रॉनिक्स को अनुकूल बनाने की कल्पना के तहत डॉ. सुब्रमण्यम ने एक एलईडी को जलाने के लिए कार्बन नैनोट्यूब से लेपित एक स्यूकैप का उपयोग किया। इससे उपकरण की क्षमता का पता चलता है। एक छोटे से क्षेत्र में बनाए गए अनेक कैपिसेटरों से प्रणाली में संग्रह किये गए ऊर्जा की मात्रा को ऐप की जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जा सकता है।

वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र में पहनने योग्य उपकरण एक उभरता हुआ क्षेत्र है। ऊर्जा भंडार इससे जुड़ा है। एक आकलन के मुताबिक पूरी दुनिया में 2020 तक पहनने योग्य उपकरणों का बाजार 20 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। व्यावसायीकरण के साथ, भारत में भी इस प्रौद्योगिकी की भारी मांग रहने की संभावना है। इस शोध व अनुसंधान कार्य को डीएसटी के “ऊर्जा संरक्षण योजना के लिए सामग्री” के अर्न्तगत वित्त-पोषण व समर्थन प्रदान किया गया है।