भारत का पहली वैश्विक मेगा-विज्ञान प्रदर्शनी विज्ञान समागन 8 मई को मुंबई में शुरु होगी

विज्ञान समागम प्रदर्शनी आपको सूक्ष्म से स्थूल की ओर ले जाएगा। आप ब्रह्मांड को समझने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदायों के प्रयासों से परिचित होंगे। यह प्रदर्शनी विश्व की बड़ी विज्ञान परियोजनाओं में भारत की भागीदारी के बारे में जानकारी देगी। इन परियोजनाओं में विकसित देश सामूहिक रूप से भाग ले रहे हैं।

विज्ञान समागम प्रदर्शनी में ब्रह्मांड की कार्यविधि के बारे में बताया जाएगा। इसमें हिग्स कण की खोज, गुरुत्वाकर्षण तरंगों से लेकर न्यूट्रॉन तारों के विलय व ब्लैक होल के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस प्रदर्शनी में ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विभिन्न चरणों में इसके विकास पर प्रकाश डाला जाएगा। भारत विश्व की निम्न मेगा- विज्ञान परियोजनाओं में भाग ले रहा है – यूरोपीय न्यूक्लियर शोध संगठन (सीईआरएन) स्थित लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (एलएचसी), एंटी प्रोटोन और आयन शोध सुविधा (एफ ए आई आर), भारत स्थित न्यूट्रीनो वेधशाला (आईएनओ), इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरीमेंटल रिएक्टर (आईटीईआर), लेजर इंटरफेरोमीटर गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशाला (एलआईजीओ), 30 मीटर टेलिस्कोल (टीएमटी) और स्क्वेयर किलोमीटर एरे (एसकेए)। प्रदर्शनी में एक ही स्थान पर इन परियोजनाओं को दिखाया जाएगा।

इन परियोजनाओं में भारत की भागीदारी इसके वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग क्षमताओं पर आधारित है। वैज्ञानिक क्षमता के संदर्भ में भारत अन्य देशों के साथ समान स्तर पर है। इन परियोजनाओं में आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का उपयोग होता है इसलिए हमारे उद्योग जगत को एक अवसर प्रदान करता है ताकि वे भाग लेकर अपनी क्षमताओं में वृद्धि कर सकें।

वैश्विक मेगा- विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान विज्ञान के प्रति उत्साही व्यक्तियों, छात्रों और लोगों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी की रोमांचक दुनिया से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिये जाएंगे।

विश्व का पहला मेगा- विज्ञान प्रदर्शनी, “विज्ञान समागम” एक ऐसा मंच होगा जहाँ विश्व की सभी बड़ी विज्ञान परियोजनाओं को एक ही स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी 8 मई, 2019 को नेहरू विज्ञान केन्द्र, वर्ली, मुंबई में शुरु होगी। परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएइ) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) संयुक्त रुप से इस प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं। राष्ट्रीय विज्ञान म्यूजियम परिषद (एनसीएसएम), संस्कृति मंत्रालय ने आयोजन स्थल उपलब्ध कराया है और परिषद प्रदर्शनी के डिजाइन के लिए मिलकर कार्य कर रहा है।

एईसी के सचिव और संस्थागत सहयोग तथा कार्यक्रम प्रभाग (आईसीपीडी), डीएइ के प्रमुख श्री अरुण श्रीवास्तव, इंस्पायर (INSPIRE) और मेगा – विज्ञान विभाग, विज्ञान एवं विश्वेश्वरैया औद्योगिक और तकनीकी म्यूजियम में 29 जुलाई, 2019 से 28 सितंबर, 2019 तक आयोजित की जाएगी। इसके बाद 4 नवंबर, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 तक प्रदर्शनी कोलकाता के साइंस सिटी में आयोजित की जाएगी। अंतिम चरण में प्रदर्शनी का आयोजन 21 जनवरी, 2019 से 20 मार्च, 2019 तक राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली में किया जाएगा।

डीएई, डीएसटी और एनसीएसएम ने संयुक्त रुप से इस मेगा-प्रदर्शनी की योजना को अंतिम रुप दिया है। प्रदर्शनी के माध्यम से मूलभूत विज्ञान के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग  के प्रति भारत के योगदान को दर्शाया जाएगा तथा यह प्रदर्शनी मेगा विज्ञान परियोजनाओं, उद्योग जगत, शिक्षा जगत और संस्थाओं के परस्पर विचार-विमर्श के लिए मंच उपलब्ध कराएगी।

श्री अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि विज्ञान समागम, विज्ञान परियोजनाओँ को समाज के करीब लाने का एक प्रयास है। यह मौलिक शोध व अनुसंधान के मूल्य और प्रभाव को रेखांकित करता है। छात्रों, शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों, विज्ञान संगठनों और उद्योग जगत के लिए यह प्रदर्शनी संवाद का एक मंच प्रदान करती है तथा भारत और इसके वैश्विक समकक्षों के मध्य प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के प्रमुख डॉ. प्रवीर अस्थाना तथा नेहरु विज्ञान केन्द्र के निदेशक श्री शिव प्रसाद खेनेड ने संयुक्त रुप से मुंबई में आज एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया और विज्ञान समागम के उद्देश्यों तथा विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत 8 मई, 2019 को विज्ञान समागम प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। वे दो दिवसीय सेमिनार के मुख्य अतिथि भी होंगे। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के.विजराघवन, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन श्री के.एन.व्यास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा, एनसीएसएम के महानिदेशक डॉ. ए.डी.चौधरी, स्विट्जरलैंड के राजदूत डॉ. एड्रियास बॉम जैसे गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

विज्ञान समागम का आयोजन अगले 11 महीनों तक मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और नई दिल्ली जैसे नगरों में किया जाएगा। मुंबई की प्रदर्शनी में आम लोग 8 मई, 2019 से 7 जुलाई, 2019 तक प्रवेश पा सकते हैं। मुंबई प्रदर्शनी का आयोजन स्थल है – नेहरु विज्ञान केन्द्र, वर्ली / मुंबई के बाद प्रदर्शनी बेंगलुरु के विश्व स्तरीय प्रतिष्ठित विज्ञान संगठन प्रदर्शनी में भाग लेंगे

 

वैश्विक, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संगठनों ने भाग लिया:

प्सीईआरएन, एफएआईआर, आईएनओ, आईटीईआर, एलआईजीओ, टीएमटी और एसकेए जैसे प्रतिष्ठित संगठन प्रदर्शनी में भाग लेंगे। विभिन्न विज्ञान संगठनों, उद्योग जगत और शिक्षा जगत के प्रतिनिधि भी प्रदर्शनी में भाग लेंगे। प्रत्येक शहर में प्रदर्शनी के आयोजन का पहले दो दिनों में मेगा- विज्ञान परियोजनाओं के उद्योग जगत के सहभागी अपने योगदान को दर्शाने के लिए एम्सपो का प्रदर्शन करेंगे। जागरुकता गतिविधि के तहत प्रत्येक परियोजना एक सप्ताह तक चलने वाली गतिविधियों का आयोजन करेगी। इसके अर्न्तगत लोकप्रिय वार्ता, विज्ञान प्रदर्शन, इंटरएक्टिव विज्ञान क्विज आदि का आयोजन किया जाएगा।

 स्कूली बच्चों, छात्रों के साथ संवाद : विज्ञान समागम का प्रमुख उद्देश्य

 

समागम:

प्रत्येक शहर प्रत्येक शहर में स्कूली बच्चों और छात्रों की उत्सुकता, ध्यान और कल्पना से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। क्विज, निबंध लेखन / पेंटिंग प्रतियोगिता और साइक्लोयॉन जैसी जागरूकता बढ़ाने वाले कार्यक्रमों की योजना तैयार की गई है।

बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचने और उन्हें इस प्रदर्शनी से जोड़ने के लिए विज्ञान समागम ने वेबसाइट www.vigyansamagam.in लांच किया है जहाँ लोग प्रदर्शनी से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जल्द ही मोबाइल एप विज्ञान समागम को भी लांच किया जाएगा। प्रत्येक शहर की प्रदर्शनी में आयोजित होने वाले टॉक शो, व्याख्यानों आदि को लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर लाइव दिखाया जाएगा।

प्रदर्शनी सभी शनिवार, रविवार और अवकाश के दिनों में खुली रहेगी। नेहरू विज्ञान केन्द्र, मुंबई में प्रदर्शनी 10 बजे सुबह से 6 बजे शाम तक खुली रहेगी।