विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएं-किरण (वाइज़-किरण)

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की आवश्यकता विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ऐतिहासिक रूप से, सामाजिक रूढ़िवादिता और पूर्वाग्रह सहित विभिन्न कारकों के कारण इन क्षेत्रों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम रहा है। इन क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना वैज्ञानिक उन्नति और नवाचार के लिए आवश्यक है। महिलाओं को सशक्त बनाकर और लैंगिक समानता को बढ़ावा देकर, अधिक समावेशी, विविध और मजबूत वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा सकता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों की महिलाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक समर्पित योजना 'विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएं-किरण (वाइज़-किरण )' लागू कर रहा है जिसका अंतिम लक्ष्यएस एंड टी में  लैंगिक समानता लाना है। वाइज़-किरण योजना विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को उनकी वैज्ञानिक यात्रा में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है।

वाइज़-किरण प्रभाग विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में निम्नलिखित कार्यक्रम चलाता है-

अध्येतावृति कार्यक्रम

I. पीएचडी के लिए अध्येतावृति:

वाइज़ पीएचडी के लिए अध्येतावृति (वाइज़-पीएचडी):वाइज़-पीएचडी कार्यक्रम का लक्ष्य उन महिलाओं को सहायता प्रदान करना है जो बुनियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान के 5 विषय क्षेत्रों में पीएचडी करना चाहती हैं। 27-45 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं आवेदन करने के लिए पात्र हैं, हालांकि, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ दिव्यांगजन वर्ग की महिलाओं के लिए ऊपरी आयु में 3 वर्ष की छूट है। सहायता अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिएदी जा सकती है।

प्रस्ताव के लिए कॉल:प्रस्ताव की कॉल पूरे वर्ष खुली रहती है।

अधिक विवरण: https://onlinedst.gov.in/Login.aspx

II. पोस्ट-डॉक्टोरल शोध का अवसर:

  1. वाइज़ पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप (वाइज़-पीडीएफ़) - वाइज़-पीडीएफ़कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को पीएचडी के बाद,स्वतंत्र परियोजना अनुदान के माध्यम से बुनियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान मेंशोध जारी रखने का अवसर प्रदान करना है। विज्ञान और इंजीनियरिंग में पीएचडी या समकक्ष डिग्री रखने वाली 27-60 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं वाइज़-पीडीएफ़ के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकती हैं।

प्रस्ताव के लिए कॉल: प्रस्ताव पूरे वर्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।

अधिक विवरण: https://online-wosa.gov.in/

        2. महिलाओं की वैज्ञानिक ऊंचाइयों और नवाचारों के विकास और उपयोग के लिए वृति (विदुषी): विदुषी कार्यक्रम का उद्देश्य वरिष्ठ महिला वैज्ञानिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अंतःविषय क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित और समर्थन करना है। विदुषी कार्यक्रम उन महिला वैज्ञानिकों को सहायता प्रदान करता है जो सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं या सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हैं और उन महिला वैज्ञानिकों को भी सहायता प्रदान करता है जो स्थायी पद पर नहीं हैं लेकिन सक्रिय शोधकर्ता हैं और अनुसंधान क्षेत्र में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। विदुषी कार्यक्रम के तहत आवेदन करने की अधिकतम आयु 62 वर्ष है।

प्रस्ताव के लिए कॉल: प्रस्ताव पूरे वर्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए: https://onlinedst.gov.in/Login.aspx

        3. वाइज़-स्कोप अध्येतावृति:वाइज़-स्कोप अध्येतावृति कार्यक्रम महिला वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों कोएसएंडटीहस्तक्षेपों के माध्यम से सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। 27-60 वर्ष आयु वर्ग की महिला वैज्ञानिक जिन्होंने पीएचडी या समकक्ष डिग्री पूरी कर ली है और जमीनी स्तर पर काम करना चाहती हैं, वे वाइज़-स्कोप अध्येतावृति कार्यक्रम के लिए पात्र हैं। अध्येतावृति निम्न 5 विषयगत क्षेत्रों में उपलब्ध है,कृषि और संबद्ध विज्ञान (एएएस);स्वास्थ्य, खाद्य और पोषण (एचएफएन);ऊर्जा, जल और अपशिष्ट प्रबंधन (ईडब्ल्यूडब्ल्यूएम);इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विकास (ईटीडी); और पर्यावरण, जलवायु और सतत विकास (ईसीएसडी)।

प्रस्ताव के लिए कॉल: प्रस्ताव पूरे वर्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए: https://onlinedst.gov.in/Login.aspx

III. STEM में वैकल्पिक करियर पथ के लिए इंटर्नशिप:

वाइज़बौद्धिक संपदा अधिकारों में इंटर्नशिप (वाइज़-आईपीआर): वाइज़-आईपीआरकार्यक्रम बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में मुख्य पेशेवर कौशल विकसित करने के लिए महिलाओं को एक साल का प्रशिक्षण प्रदान करता है। बुनियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान में स्नातकोत्तर/पीएचडी या समकक्ष डिग्री प्राप्त, 25-45 वर्ष आयु वर्ग की महिलायें इस कार्यक्रम के लिए पात्र हैं।

आवेदन के लिए कॉल: अप्रैल-मई.

अधिक जानकारी के लिए: https://www.tifac.org.in/index.php/programmes/capacity-building/kiran-ipr

IV. विदेश में अवसर:

महिला अंतर्राष्ट्रीय अनुदान सहायता (विंग्स): विंग्स कार्यक्रम भारतीय महिला वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करता है। विंग्स प्रोग्राम में 3 मॉड्यूल हैं:

मॉड्यूल I: विंग्स इंटर्नशिप

मॉड्यूल II: विंग्स फ़ेलोशिप

मॉड्यूल III: वैज्ञानिक यात्रा के लिए विंग्स

महिला संस्थानों में बुनियादी ढाँचा विकास सहायता

नवाचार और उत्कृष्टता हेतु विश्वविद्यालय अनुसंधान का समेकन (क्यूरी): क्यूरीकार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) क्षेत्र में उत्कृष्टता लाने हेतु अनुसंधान सुविधाओं को बढ़ाने और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में सुधार करने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए महिला संस्थानों को सहायता प्रदान करता है। क्यूरी का मुख्य उद्देश्य देश में अनुसंधान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, अनुसंधान क्षमता का निर्माण करना और महिला संस्थानों में अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम के 2 प्रमुख घटक हैं:

(क) महिला विश्वविद्यालयों को क्यूरीसहायता: बुनियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान में अनुसंधान के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना और महिला विश्वविद्यालयों में अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाएं स्थापित करना। एआई नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए महिला विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में विशेष सुविधाओं की स्थापना और एआई-आधारित नौकरियों के लिए मानव संसाधन का विकास क्यूरीके तहत एक और बड़ा कदम है।

(ख) महिला स्नातकोत्तरमहाविद्यालयों को क्यूरी समर्थन:बुनियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान में अनुसंधान सुविधाएं विकसित करने के लिए देश के महिला पीजी कॉलेजों का समर्थन करना।

प्रस्ताव के लिए कॉल: जनवरी-फरवरी

युवा लड़कियों के लिए अवसर

विज्ञान ज्योति:विज्ञान ज्योति कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में और विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ महिलाओं की भागीदारी कम है, उच्च शिक्षा और करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि सभी धाराओं में लिंग अनुपात को संतुलित किया जा सके। विज्ञान ज्योति (विद्यालय घटक) देश के 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 250 जिलों में कार्यान्वयन में है। 2023-24 के दौरान कक्षा नौवीं से बारहवीं  की लगभग 25000 मेधावी लड़कियों को विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के तहत नामांकित किया गया है और विभिन्न एसएंडटी हस्तक्षेपों के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहतएसटीईएम केकम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों में लड़कियों की भागीदारी में सुधार के लिए विभिन्न गतिविधियाँ जैसे कि छात्र-अभिभावक परामर्श, कैरियर परामर्श, रोल मॉडल इंटरैक्शन, अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता कक्षाएं, टिंकरिंग गतिविधियां, विशेष व्याख्यान, वैज्ञानिक संस्थानों/प्रयोगशालाओं/उद्योगों का दौरा, विज्ञान शिविर, कार्यशालाएं आदि आयोजित किए जा रहे हैं।

लैंगिक समानता के लिए नीतिगत

संस्थान रूपांतरकारी महिला प्रगति (गति): गति कार्यक्रम का लक्ष्य संस्थागत स्तर पर परिवर्तनकारी बदलाव लाने पर ध्यान देने के साथ एसटीईएमएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा) में लिंग समानता के लिए एक स्वदेशी चार्टर विकसित करना है। अंतिम लक्ष्य एक नया पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो किसंस्थानों की क्षमताओं के निर्माण और परिवर्तन प्राप्त करने के लिए उन्हें निरंतर सलाह सहायता प्रदान करने पर आधारित होगा। इसमें संस्थान में विभिन्न स्तरों पर एसटीईएमएममें महिलाओं के पेशे में पूर्ण जीवन चक्र की जांच शामिल होगी। 30 भारतीय संस्थानों ने गतिपायलट में भाग लिया है।

वाइज़-किरण प्रभाग के विभिन्न कार्यक्रमों के तहत अध्येतावृति में संशोधन पर कार्यालय ज्ञापन [PDF]338.06 KB

 

वाइज़-किरण टीम

वैज्ञानिक

पद

ई-मेल

कार्यक्रम

डॉ वंदना सिंह

प्रभारी, वैज्ञानिक-एफ

vandana[dot]singh[at]nic[dot]in

सभी कार्यक्रम

श्री पवन कुमार

वैज्ञानिक – डी

pawan[dot]kumar[at]nic[dot]in

विदुषी, क्यूरी, वॉस-बी 

डॉ क्षमा अवस्थी

वैज्ञानिक – डी

chhama[at]nic[dot]in

वाइज़-स्कोप, वॉस-बी, गति 

डॉ विनीता कुमारी

वैज्ञानिक – सी

vineeta[at]nic[dot]in

क्यूरी, वॉस-बी, विज्ञान ज्योति

श्री शुभम गोयल

वैज्ञानिक – बी

goel[dot]shubham[at]gov[dot]in

वाइज़-पीडीएफ़, वाइज़-पीएचडी,वॉस-ए,  वाइज़-आईपीआर