विश्वविद्यालयों के आरएंडडी योगदान की सराहना करते हुए भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने पी यू आर एस ई पहल के तहत आर एंड डी अनुदान के माध्यम से मूल्य वर्धन उपायों की शुरूआत की है।
विश्वविद्यालय के 56-26 से एच – इंडेक्स वाले 10-वर्ष की अवधि के लिए एस सी ओ पी यू एस एस अंतर्राष्ट्रीय डेटा बेस में प्रकाशन उत्पादन के आधार पर, पी यू आर एस ई योजना को निम्न समर्थन सीमा के साथ वर्ष 2009-10 में विकसित किया गया था
सहयोग सीमा
एच – इंडेक्स | श्रेणी | तीन वर्षों के लिए सहयोग राशि |
50 से अधिक | ए | 30 करोड़ रू. |
40-49 | बी | 15 करोड़ रू. |
30-39 | सी | 9 करोड़ रू. |
26-29 | डी | 6 करोड़ रू. |
अब तक अध्ययन काल के तीन सेट (प्रत्येक 10 वर्षों का) पूरे कर लिए गए हैं और चौथे के लिए प्रक्रिया चल रही है जिसके अन्तर्गत एक तीसरा पक्ष विश्वविद्यालय के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रहा है।
1.1996 – 2006 – वित्त वर्ष 2009-10 में सहयोग के लिए 14 विश्वविद्यालयों की पहचान की गई।
2.1998 – 2008 – वित्त वर्ष 2011-12 में सहयोग के लिए 30 अन्य विश्वविद्यालयों की पहचान की गई।
3.2000 – 2010 – वित्त वर्ष 2014-15 में 14 विश्वविद्यालयों को दूसरे चरण का सहयोग।
डीएसटी ने अब 890 करोड़ रू. के निवेश की योजना बनाई है।
पी यू आर एस ई कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
- प्रत्येक विश्वविद्यालय को दी जाने वाली सहायता को दो घटकों में बाँटा गया है' अनियत ' and ' नियत।
- 'अनियत घटक' के अन्तर्गत 85% परिव्यय पूर्व निर्धारित नहीं होते हैं और इन्हें उपकरणों की खरीद, उपयोग के दौरान समाप्त होने वाली वस्तुएं, अवसंरचना सुविधाएँ, नेटवर्किंग और कम्प्यूटर सुविधा जैसे मदों पर खर्च किया जा सकता है।
- 'अनियत घटक' के अन्तर्गत मानव संसाधन (10%), यात्रा (1%) और अन्य (सेमीनार, कार्यशाला आयोजन आदि) पर 4% खर्च किया जा सकता है। अर्थात् कुल परिव्यय का 15% ।
- इस कार्यक्रम के अन्तर्गत डीएसटी, उपकरणों व अन्य सामग्रियों के लिए बिना किसी बजट निविदा के अनुदान जारी कर सकती है। विश्वविद्यालय उपकरण व अन्य वस्तुओं तथा इसकी कीमतों के सम्बन्ध में जानकारी देगा। विश्वविद्यालय सभी प्रकार की खरीद के लिए जिम्मेदार होगा।
- इस कार्यक्रम के तहत व्यक्तियों की नियुक्ति केवल शोध कार्यों तथा तकनीकी सहयोग के लिए की जाएगी। नियुक्ति पूरी तरह संविदा आधारित होगी। इसकी तुलना स्थायी संकाय पद से नहीं की जानी चाहिए।
- पी यू आर एस ई कार्यक्रम के तहत भवन या अन्य निर्माण के लिए अनुदान नहीं दिया जाएगा।
- विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के बीच अनुदान के उपयोग से संबंधित फैसला, विश्वविद्यालय स्वयं लेगा।
- इस कार्यक्रम के तहत किसी मद के लिए खर्च की सीमा तय नहीं की गई है।
पी यू आर एस ई कार्यक्रम के तहत डीएसटी बेहतर प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को अनुदान देता है। वित्तीय सहायता, व्यक्तियों की नियुक्ति पर होने वाले खर्च, उपकरण को आधुनिक बनाने, कम्प्यूटर सुविधा, शोध में आवश्यक सामग्री, सेमीनार / कार्यशाला आयोजन, यात्रा तथा सुविधाओं के संचालन जैसे मदों में होने वाले परिव्यय के लिए दी जाती है। प्रत्येक विश्वविद्यालय को दी जाने वाली वित्तीय सहायता के दो घटक होंगे – अनियत घटक और नियत घटक ।
अनियत घटक | नियत घटक |
हार्डवेयर लागत (उपकरण, शोध सुविधाएं, नेटवर्किंग और कम्प्यूटर सुविधाएं) | व्यक्ति नियुक्ति लागत (10%) |
उपभोग्य | यात्रा (1%) |
शोध में उपयोग होने वाली सामग्री, संचालन, सेमीनार / कार्यशाला आयोजन व अन्य (4%) |
संपूर्ण विवरण के लिए पर क्लिक करें। (www.fist-dst.org/New निर्देश / पी यू आर एस ई पहल)
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें
डॉ. ए. मुखोपाध्याय
वैज्ञानिक - जी
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
रौद्योगिकी भवन
न्यू महरौली रोड
नई दिल्ली-110 016
टेल: 011-26590445
टेलीफैक्स:011-26602193
ईमेल: tsd[at]nic[dot]in